रांची में सायरन बजते ही शुरू हुआ मॉक ड्रिल:मेकॉन चौक पर किया गया अभ्यास, DC-SP मौके पर पहुंचे, घंटे भर रहा ब्लैक आउट

शाम के 4 बजते ही राजधानी रांची के डोरंडा इलाके के मेकॉन लिमिटेड के भवन में हमले की सूचना मिली। इस दौरान कई लोगों के हताहत होने की जानकारी सामने आयी।जानकारी मिले ही जिले के एसएसपी, एसपी, डीसी सहित तमाम बड़े अधिकारी आनन-फानन में मेकॉन पहुंचे। यहां अफरा-तफरी का माहौल बना हुआ था।माहौल का जायजा लेते हुए अग्निशमन की गाड़ियां और एम्बुलेंस को मौके पर बुलाया गया। इस दौरान राहत और बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ की टीम भी पहुंची।इसके साथ ही राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया गया। हताहत लोगों को एनसीसी और एनडीआरएफ के जवान निकालने में जुट गए।दरअसल यह नजारा वास्तविक हमले के बाद का नहीं था। यह एक अभ्यास था। इस आयोजन का उद्देश्य था लोगों को इस बात की जानकारी देना कि अगर कभी परिस्थितियां विपरीत होती हैं तो उस दौरान खुद को कैसे बचाना है। वहीं यह भी देखना था कि प्रशासन और पुलिस किस स्तर तक विपरीत परिस्थिति से निपटने के लिए खुद को तैयार रखी हुई है।3 घंटे तक चला मॉक ड्रिल, रहा ब्लैक आउटराजधानी रांची में मॉक ड्रिल की प्रक्रिया 4 बजे शुरू हुई। यह शाम 7 बजे तक चली। इस दौरान जहां बचाव और राहत कार्य के तरीके दिखाए गए वहीं ब्लैक आउट कर लोगों को अंधेरे में खुद को सुरक्षित बनाए रखने का अभ्यास कराया गया।मॉक ड्रिल के दौरान राहत और बचाव कार्य तेजी से किया जा सके, इसे लेकर ट्रैफिक पुलिस और अधिकारी सड़क खाली कराने में जुट गए। वहीं एम्बुलेंस में घायलों को लेकर तेजी से पास ही के अस्पताल ले कर गए।Quiz bannerरांची में सायरन बजते ही शुरू हुआ मॉक ड्रिल:मेकॉन चौक पर किया गया अभ्यास, DC-SP मौके पर पहुंचे, घंटे भर रहा ब्लैक आउटरांची1 दिन पहलेयुद्ध से पहले की सावधानी; रांची में मॉक ड्रिलयुद्ध से पहले की सावधानी; रांची में मॉक ड्रिलशाम के 4 बजते ही राजधानी रांची के डोरंडा इलाके के मेकॉन लिमिटेड के भवन में हमले की सूचना मिली। इस दौरान कई लोगों के हताहत होने की जानकारी सामने आयी।जानकारी मिले ही जिले के एसएसपी, एसपी, डीसी सहित तमाम बड़े अधिकारी आनन-फानन में मेकॉन पहुंचे। यहां अफरा-तफरी का माहौल बना हुआ था।माहौल का जायजा लेते हुए अग्निशमन की गाड़ियां और एम्बुलेंस को मौके पर बुलाया गया। इस दौरान राहत और बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ की टीम भी पहुंची।इसके साथ ही राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया गया। हताहत लोगों को एनसीसी और एनडीआरएफ के जवान निकालने में जुट गए।दरअसल यह नजारा वास्तविक हमले के बाद का नहीं था। यह एक अभ्यास था। इस आयोजन का उद्देश्य था लोगों को इस बात की जानकारी देना कि अगर कभी परिस्थितियां विपरीत होती हैं तो उस दौरान खुद को कैसे बचाना है। वहीं यह भी देखना था कि प्रशासन और पुलिस किस स्तर तक विपरीत परिस्थिति से निपटने के लिए खुद को तैयार रखी हुई है।3 घंटे तक चला मॉक ड्रिल, रहा ब्लैक आउटराजधानी रांची में मॉक ड्रिल की प्रक्रिया 4 बजे शुरू हुई। यह शाम 7 बजे तक चली। इस दौरान जहां बचाव और राहत कार्य के तरीके दिखाए गए वहीं ब्लैक आउट कर लोगों को अंधेरे में खुद को सुरक्षित बनाए रखने का अभ्यास कराया गया।मॉक ड्रिल के दौरान राहत और बचाव कार्य तेजी से किया जा सके, इसे लेकर ट्रैफिक पुलिस और अधिकारी सड़क खाली कराने में जुट गए। वहीं एम्बुलेंस में घायलों को लेकर तेजी से पास ही के अस्पताल ले कर गए।रांची के डोरंडा इलाके में किया मॉक ड्रिल – Dainik Bhaskarरांची के डोरंडा इलाके में किया मॉक ड्रिलमेकॉन के इसी साइरन के बजते ही शुरू हुआ मॉक ड्रिल – Dainik Bhaskarमेकॉन के इसी साइरन के बजते ही शुरू हुआ मॉक ड्रिलसायरन बजते ही शुरू हुआ अभ्यासरांची एसएसपी चंदन सिन्हा ने बताया कि साइरन बजते ही मॉक ड्रिल शुरू कर दिया गया था। बड़ी संख्या में लोगों के घायल होने की सूचना पर उनके इलाज के लिए सिविल सर्जन के सहयोग से जैप वन के पास स्थित एक स्कूल भवन को अस्थायी अस्पताल बनाया गया। जहां घायलों को रखा गया। मॉक ड्रिल के दौरान लोगों से अपील की गई कि वह शांति बनाए रखें।स्थानीय लोगों को प्रशासन ने किया अलर्टमॉक ड्रिल के दौरान आपात स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन और सरकार के दूसरे विंग पूरी तरह अलर्ट मोड में काम करते नजर आए। मॉक ड्रिल के दौरान सड़कों पर तेज रफ्तार से पुलिस, फायर ब्रिगेड और एम्बुलेंस की गाड़ियां दौड़ती नजर आई और राहत बचाव कार्य करती दिखीं।मॉक ड्रिल के दौरान घायलों को लेने पहुंची एम्बुलेंस – Dainik Bhaskarमॉक ड्रिल के दौरान घायलों को लेने पहुंची एम्बुलेंसवहीं आपात स्थिति को नियंत्रण में करने और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कई रास्तों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया। इस दौरान प्रशासन की ओर से बताया गया कि यह मॉक ड्रिल आपातकालीन स्थितियों जैसे युद्ध और आतंकी हमला से निपटने की तैयारी का हिस्सा है। रांची में देर शाम 7 बजे तक ब्लैक आउट रखा गया। इस दौरान अंधेरे में लोगों को सुरक्षित रहने और दूसरों की सहायता करने का अभ्यास कराया गया।आपात स्थिति से निपटने को लेकर बारिश में उत्साहित दिखे अधिकारी-कर्मचारी – Dainik Bhaskarआपात स्थिति से निपटने को लेकर बारिश में उत्साहित दिखे अधिकारी-कर्मचारीट्रैफिक रूट में हुआ बदलावमॉक ड्रिल को देखते हुए ट्रैफिक रूट में बदलाव किया गया था। रांची ट्रैफिक पुलिस की ओर से रूट चार्ट भी जारी किया गया।वाहन प्रतिबंध: एजी मोड़ से बिग बाजार और कुसई चौक से बिग बाजार के बीच सभी प्रकार के वाहनों का प्रवेश पूरी तरह से वर्जित रखा गया।एयरपोर्ट हेतु विशेष निर्देश: यात्रियों से प्रशासन की ओर से अनुरोध किया गया था कि जिन्हें एयरपोर्ट जाना है वे दोपहर 3 बजे से पहले एयरपोर्ट पहुंच जाएं। 3 बजे के बाद अधिकतर मार्गों पर वाहनों का प्रवेश बंद रखा गया।एचइसी से मेन रोड मार्ग: एचइसी गेट से मेन रोड जाने वाले लोग एचइसी, अरगोड़ा और हरमू बाईपास रोड होते हुए जा सकते थे।बिरसा चौक से कांटाटोली: बिरसा चौक से कांटाटोली जाने वाले लोग डोरंडा मोड़ से दाहिने मुड़कर सदाबहार चौक के रास्ते जा सकते थे।कांटाटोली/मेन रोड से बिरसा चौक: कांटाटोली या मेन रोड से बिरसा चौक जाने वाले लोग बिग बाजार से दाहिना मुड़कर होटल रेडिसन ब्लू, कडरू और अरगोड़ा चौक होते हुए पहुंच सकते थे। – Dainik Bhaskarमॉक ड्रिल को लेकर पुलिस कर्मियों के साथ हुई बैठकनागरिक सुरक्षा अभ्यास (मॉक ड्रिल) से पहले रांची एसएसपी सहित पुलिस, स्वास्थ्य, आपदा प्रबंधन, फायर ब्रिगेड, बिजली विभाग, और NCC के अधिकारियों के साथ उपायुक्त रांची ने बैठक की। इसमें जरूरी निर्देश दिए गए।यह अभ्यास नागरिकों और संस्थानों को आपातकालीन स्थिति जैसे प्राकृतिक आपदा या हमला होने पर तैयार करने के लिए किया जा रहा है। जन-जागरूकता के लिए समाहरणालय और पुलिस लाइन से 50 प्रचार वाहन रवाना किए गए।रांची डीसी ने मॉक ड्रिल को लेकर विस्तृत जानकारी दी है। – Dainik Bhaskarरांची डीसी ने मॉक ड्रिल को लेकर विस्तृत जानकारी दी है।जिला प्रशासन की अपील- घबराएं नहीं यह अभ्यास हैडीसी मंजूनाथ भजंत्री ने यह जानकारी देते हुए कहा कि मॉक ड्रिल के दौरान इलाके में रहने वाले लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। यह एक अभ्यास है और नागरिकों, संस्थानों के अलावा बुनियादी ढांचे को संभावित आपात स्थितियों के लिए तैयार करने हेतु महत्वपूर्ण है। सायरन बजते ही लोग अपने-अपने घरों और दुकानों समेत सभी जगहों की बत्ती बंद कर देने की अपील की। मुख्य उद्देश्य यह है कि जहां कहीं भी हवाई जहाज से अगर कोई देखता है तो उसे रोशनी ना दिखे।वीडियो जारी कर बताएंगे, सुरक्षित रहने के उपायडीसी ने कहा कि सोशल मीडिया में ऑडियो और वीडियो जारी कर बताया जाएगा कि जब कभी कोई घटना हो, तो कैसे लोग खुद को सुरक्षित रखें। सभी स्कूली बच्चों के पास भी यह ऑडियो व वीडियो को पहुंचाने का प्रयास होगा, ताकि उन्हें जागरूक किया जा सके।मॉक ड्रिल के दौरान आपातकाल में सुरक्षित रहने के तरीके बताए गए। – Dainik Bhaskarमॉक ड्रिल के दौरान आपातकाल में सुरक्षित रहने के तरीके बताए गए।मॉक ड्रिल शुरू होते ही ट्रैफिक रूट डायवर्टमॉक ड्रिल शुरू होने से पहले ही डोरंडा इलाके में ट्रैफिक रूट डायवर्ट कर दिया गया। ट्रैफिक एसपी के निर्देश पर ऑप्शनल मार्ग तैयार किया गया था। जहां से वाहन सवार परिचालन कर सकेंगे। तीन घंटे तक डोरंडा में वाहन सवार अपनी गाड़ियों की लाइट भी बंद रखने को कहा गया है। सायरन बजते ही जहां हैं, सड़क किनारे गाड़ी खड़ी कर लाइट बंद कर देने की अपील की गई।एनडीआरएफ, फायर ब्रिगेड के अलावा पुलिस की टीम रही मुस्तैदतीन घंटे के लिए इलाके में पूरी तरह से सर्च और रेस्क्यू ऑपरेशन भी चलाया गया। इस दौरान एनडीआरएफ और फायर ब्रिगेड के अलावा पुलिस की टीम भी मौजूद रही। डीसी ने यह भी कहा कि यह मॉक ड्रिल पूरे जिले के लिए है। डोरंडा इलाके में मॉक ड्रिल को शत-प्रतिशत सफल बनाया गया।एनडीआरएफ, फायर ब्रिगेड के अलावा पुलिस की टीम रही – Dainik Bhaskarएनडीआरएफ, फायर ब्रिगेड के अलावा पुलिस की टीम रहीमॉक ड्रिल के तीन प्रमुख उद्देश्यनागरिक रक्षा तंत्र की तैयारियों का परीक्षण और जरूरत के अनुसार सुधार करना।नागरिकों को आपातकालीन प्रोटोकॉल और आत्म-सुरक्षा में प्रशिक्षित करना।संकट के समय अधिकारियों और आम जनता के बीच समन्वय सुनिश्चित करना।आपात स्थिति में डायल 112 के लिए एसओपी जारीपुलिस मुख्यालय ने आपात स्थिति में डायल 112 के उपयोग व इसके तहत बेहतर व त्वरित सहायता प्रदान करने के लिए एसओपी जारी की है। आपातकालीन सेवा के लिए एक ही डायल 112 में सभी नंबर जैसे 100, 101, 108, 1098 समाहित हैं। ताकि नागरिकों को गंभीर संकट की गोल्डन आवर के दौरान त्वरित सहायता मिल सके। इसके लिए सभी जिलों के एसपी, अग्निशमन पदाधिकारी को एसओपी से संबंधित गाइडलाइन जारी की गई है कि कॉल आने पर कैसे त्वरित रिस्पांस करेंगे।

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रांची में सायरन बजते ही शुरू हुआ मॉक ड्रिल:मेकॉन चौक पर किया गया अभ्यास, DC-SP मौके पर पहुंचे, घंटे भर रहा ब्लैक आउट

रांची1 दिन पहले

युद्ध से पहले की सावधानी; रांची में मॉक ड्रिल

युद्ध से पहले की सावधानी; रांची में मॉक ड्रिल

शाम के 4 बजते ही राजधानी रांची के डोरंडा इलाके के मेकॉन लिमिटेड के भवन में हमले की सूचना मिली। इस दौरान कई लोगों के हताहत होने की जानकारी सामने आयी।

जानकारी मिले ही जिले के एसएसपी, एसपी, डीसी सहित तमाम बड़े अधिकारी आनन-फानन में मेकॉन पहुंचे। यहां अफरा-तफरी का माहौल बना हुआ था।

माहौल का जायजा लेते हुए अग्निशमन की गाड़ियां और एम्बुलेंस को मौके पर बुलाया गया। इस दौरान राहत और बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ की टीम भी पहुंची।

इसके साथ ही राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया गया। हताहत लोगों को एनसीसी और एनडीआरएफ के जवान निकालने में जुट गए।

दरअसल यह नजारा वास्तविक हमले के बाद का नहीं था। यह एक अभ्यास था। इस आयोजन का उद्देश्य था लोगों को इस बात की जानकारी देना कि अगर कभी परिस्थितियां विपरीत होती हैं तो उस दौरान खुद को कैसे बचाना है। वहीं यह भी देखना था कि प्रशासन और पुलिस किस स्तर तक विपरीत परिस्थिति से निपटने के लिए खुद को तैयार रखी हुई है।

3 घंटे तक चला मॉक ड्रिल, रहा ब्लैक आउट

राजधानी रांची में मॉक ड्रिल की प्रक्रिया 4 बजे शुरू हुई। यह शाम 7 बजे तक चली। इस दौरान जहां बचाव और राहत कार्य के तरीके दिखाए गए वहीं ब्लैक आउट कर लोगों को अंधेरे में खुद को सुरक्षित बनाए रखने का अभ्यास कराया गया।

मॉक ड्रिल के दौरान राहत और बचाव कार्य तेजी से किया जा सके, इसे लेकर ट्रैफिक पुलिस और अधिकारी सड़क खाली कराने में जुट गए। वहीं एम्बुलेंस में घायलों को लेकर तेजी से पास ही के अस्पताल ले कर गए।

रांची के डोरंडा इलाके में किया मॉक ड्रिल - Dainik Bhaskar

रांची के डोरंडा इलाके में किया मॉक ड्रिल

मेकॉन के इसी साइरन के बजते ही शुरू हुआ मॉक ड्रिल - Dainik Bhaskar

मेकॉन के इसी साइरन के बजते ही शुरू हुआ मॉक ड्रिल

सायरन बजते ही शुरू हुआ अभ्यास

रांची एसएसपी चंदन सिन्हा ने बताया कि साइरन बजते ही मॉक ड्रिल शुरू कर दिया गया था। बड़ी संख्या में लोगों के घायल होने की सूचना पर उनके इलाज के लिए सिविल सर्जन के सहयोग से जैप वन के पास स्थित एक स्कूल भवन को अस्थायी अस्पताल बनाया गया। जहां घायलों को रखा गया। मॉक ड्रिल के दौरान लोगों से अपील की गई कि वह शांति बनाए रखें।

स्थानीय लोगों को प्रशासन ने किया अलर्ट

मॉक ड्रिल के दौरान आपात स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन और सरकार के दूसरे विंग पूरी तरह अलर्ट मोड में काम करते नजर आए। मॉक ड्रिल के दौरान सड़कों पर तेज रफ्तार से पुलिस, फायर ब्रिगेड और एम्बुलेंस की गाड़ियां दौड़ती नजर आई और राहत बचाव कार्य करती दिखीं।

मॉक ड्रिल के दौरान घायलों को लेने पहुंची एम्बुलेंस - Dainik Bhaskar

मॉक ड्रिल के दौरान घायलों को लेने पहुंची एम्बुलेंस

वहीं आपात स्थिति को नियंत्रण में करने और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कई रास्तों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया। इस दौरान प्रशासन की ओर से बताया गया कि यह मॉक ड्रिल आपातकालीन स्थितियों जैसे युद्ध और आतंकी हमला से निपटने की तैयारी का हिस्सा है। रांची में देर शाम 7 बजे तक ब्लैक आउट रखा गया। इस दौरान अंधेरे में लोगों को सुरक्षित रहने और दूसरों की सहायता करने का अभ्यास कराया गया।

आपात स्थिति से निपटने को लेकर बारिश में उत्साहित दिखे अधिकारी-कर्मचारी - Dainik Bhaskar

आपात स्थिति से निपटने को लेकर बारिश में उत्साहित दिखे अधिकारी-कर्मचारी

ट्रैफिक रूट में हुआ बदलाव

मॉक ड्रिल को देखते हुए ट्रैफिक रूट में बदलाव किया गया था। रांची ट्रैफिक पुलिस की ओर से रूट चार्ट भी जारी किया गया।

  • वाहन प्रतिबंध: एजी मोड़ से बिग बाजार और कुसई चौक से बिग बाजार के बीच सभी प्रकार के वाहनों का प्रवेश पूरी तरह से वर्जित रखा गया।
  • एयरपोर्ट हेतु विशेष निर्देश: यात्रियों से प्रशासन की ओर से अनुरोध किया गया था कि जिन्हें एयरपोर्ट जाना है वे दोपहर 3 बजे से पहले एयरपोर्ट पहुंच जाएं। 3 बजे के बाद अधिकतर मार्गों पर वाहनों का प्रवेश बंद रखा गया।
  • एचइसी से मेन रोड मार्ग: एचइसी गेट से मेन रोड जाने वाले लोग एचइसी, अरगोड़ा और हरमू बाईपास रोड होते हुए जा सकते थे।
  • बिरसा चौक से कांटाटोली: बिरसा चौक से कांटाटोली जाने वाले लोग डोरंडा मोड़ से दाहिने मुड़कर सदाबहार चौक के रास्ते जा सकते थे।
  • कांटाटोली/मेन रोड से बिरसा चौक: कांटाटोली या मेन रोड से बिरसा चौक जाने वाले लोग बिग बाजार से दाहिना मुड़कर होटल रेडिसन ब्लू, कडरू और अरगोड़ा चौक होते हुए पहुंच सकते थे।
 - Dainik Bhaskar

मॉक ड्रिल को लेकर पुलिस कर्मियों के साथ हुई बैठक

नागरिक सुरक्षा अभ्यास (मॉक ड्रिल) से पहले रांची एसएसपी सहित पुलिस, स्वास्थ्य, आपदा प्रबंधन, फायर ब्रिगेड, बिजली विभाग, और NCC के अधिकारियों के साथ उपायुक्त रांची ने बैठक की। इसमें जरूरी निर्देश दिए गए।

यह अभ्यास नागरिकों और संस्थानों को आपातकालीन स्थिति जैसे प्राकृतिक आपदा या हमला होने पर तैयार करने के लिए किया जा रहा है। जन-जागरूकता के लिए समाहरणालय और पुलिस लाइन से 50 प्रचार वाहन रवाना किए गए।

रांची डीसी ने मॉक ड्रिल को लेकर विस्तृत जानकारी दी है। - Dainik Bhaskar

रांची डीसी ने मॉक ड्रिल को लेकर विस्तृत जानकारी दी है।

जिला प्रशासन की अपील- घबराएं नहीं यह अभ्यास है

डीसी मंजूनाथ भजंत्री ने यह जानकारी देते हुए कहा कि मॉक ड्रिल के दौरान इलाके में रहने वाले लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। यह एक अभ्यास है और नागरिकों, संस्थानों के अलावा बुनियादी ढांचे को संभावित आपात स्थितियों के लिए तैयार करने हेतु महत्वपूर्ण है। सायरन बजते ही लोग अपने-अपने घरों और दुकानों समेत सभी जगहों की बत्ती बंद कर देने की अपील की। मुख्य उद्देश्य यह है कि जहां कहीं भी हवाई जहाज से अगर कोई देखता है तो उसे रोशनी ना दिखे।

वीडियो जारी कर बताएंगे, सुरक्षित रहने के उपाय

डीसी ने कहा कि सोशल मीडिया में ऑडियो और वीडियो जारी कर बताया जाएगा कि जब कभी कोई घटना हो, तो कैसे लोग खुद को सुरक्षित रखें। सभी स्कूली बच्चों के पास भी यह ऑडियो व वीडियो को पहुंचाने का प्रयास होगा, ताकि उन्हें जागरूक किया जा सके।

मॉक ड्रिल के दौरान आपातकाल में सुरक्षित रहने के तरीके बताए गए। - Dainik Bhaskar

मॉक ड्रिल के दौरान आपातकाल में सुरक्षित रहने के तरीके बताए गए।

मॉक ड्रिल शुरू होते ही ट्रैफिक रूट डायवर्ट

मॉक ड्रिल शुरू होने से पहले ही डोरंडा इलाके में ट्रैफिक रूट डायवर्ट कर दिया गया। ट्रैफिक एसपी के निर्देश पर ऑप्शनल मार्ग तैयार किया गया था। जहां से वाहन सवार परिचालन कर सकेंगे। तीन घंटे तक डोरंडा में वाहन सवार अपनी गाड़ियों की लाइट भी बंद रखने को कहा गया है। सायरन बजते ही जहां हैं, सड़क किनारे गाड़ी खड़ी कर लाइट बंद कर देने की अपील की गई।

एनडीआरएफ, फायर ब्रिगेड के अलावा पुलिस की टीम रही मुस्तैद

तीन घंटे के लिए इलाके में पूरी तरह से सर्च और रेस्क्यू ऑपरेशन भी चलाया गया। इस दौरान एनडीआरएफ और फायर ब्रिगेड के अलावा पुलिस की टीम भी मौजूद रही। डीसी ने यह भी कहा कि यह मॉक ड्रिल पूरे जिले के लिए है। डोरंडा इलाके में मॉक ड्रिल को शत-प्रतिशत सफल बनाया गया।

एनडीआरएफ, फायर ब्रिगेड के अलावा पुलिस की टीम रही - Dainik Bhaskar

एनडीआरएफ, फायर ब्रिगेड के अलावा पुलिस की टीम रही

मॉक ड्रिल के तीन प्रमुख उद्देश्य

  • नागरिक रक्षा तंत्र की तैयारियों का परीक्षण और जरूरत के अनुसार सुधार करना।
  • नागरिकों को आपातकालीन प्रोटोकॉल और आत्म-सुरक्षा में प्रशिक्षित करना।
  • संकट के समय अधिकारियों और आम जनता के बीच समन्वय सुनिश्चित करना।

आपात स्थिति में डायल 112 के लिए एसओपी जारी

पुलिस मुख्यालय ने आपात स्थिति में डायल 112 के उपयोग व इसके तहत बेहतर व त्वरित सहायता प्रदान करने के लिए एसओपी जारी की है। आपातकालीन सेवा के लिए एक ही डायल 112 में सभी नंबर जैसे 100, 101, 108, 1098 समाहित हैं। ताकि नागरिकों को गंभीर संकट की गोल्डन आवर के दौरान त्वरित सहायता मिल सके। इसके लिए सभी जिलों के एसपी, अग्निशमन पदाधिकारी को एसओपी से संबंधित गाइडलाइन जारी की गई है कि कॉल आने पर कैसे त्वरित रिस्पांस करेंगे।

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